तीन सवाल
एक बार एक गांव के किनारे एक जवान भिकारी रहा करता था। वह भीकारी अविवाहित था ।वह हर रोज गांव से खाने की सामग्रियाँ मांग कर लाता और गांव के किनारे एक बरगद के पेड़ के नीचे इकट्ठा कर देता। जब वह मांगने के लिए दोबारा गांव में जाता तो एक बिल्ली उसकी सभी खाने की सामग्रियों को समाप्त कर देती ।
भिकारी चकित था कि उसकी खाने की सामग्रियां कहां जा रही हैं। एक बार उसने बिल्ली को खाना खाते हुए पकड़ लिया। उसने बिल्ली से कहा कि मैं इतनी मेहनत कर कर गांव से मांग कर लाता हूं और तुम मेरा सभी खाना खा जाती हो।
बिल्ली : तुम्हारे भाग्य में इससे अधिक है खाना नहीं लिखा है।
भिकारी : आखिर मेरे भाग्य में इससे अधिक क्यों नहीं लिखा।
बिल्ली: यह तो तुम किसी ज्ञानी से पता कर सकते हो।
वह व्यक्ति खाना लेकर किसी ज्ञानी की तलाश में निकल गया। चलते चलते उस व्यक्ति को शाम हो गई और रास्ते में उसे एक घर दिखाई दिया जिसमें उसने विश्राम करने का इरादा किया।
उसने वहां जाकर घर का दरवाजा खटखटाया। दरवाजे की खटखटाहट की आवाज सुनकर उस घर का मुखिया बाहर आया और उस व्यक्ति से उसकी जरूरत मालूम कि।
उस व्यक्ति ने अपने सारी दास्तां बयान कर दी।
उस मुखिया ने उसे विश्राम करने की अनुमति दे दी।
सुबह होने के बाद वह व्यक्ति सफर के लिए रवाना हुआ। जाते वक्त घर के मुखिया ने कहा कि क्या तुम मेरा ज्ञानी से एक सवाल का जवाब मालूम कर सकते हो क्या ।
भिकारी: जी अवश्य, बताइए आपका क्या सवाल है।
मुखिया: मेरी लडकी जवान हो गई है । परंतु वह अभी तक बोल नहीं सकती ।
भिकारी: मैं आपके इस सवाल का जवाब अवश्य पता करूंगा। मेहमान दारी के लिए मैं आपका आभारी रहूंगा।
और वह व्यक्ति सफर के लिए रवाना हो गया चलते चलते शाम हो गई और उस व्यक्ति का गुजर बड़े-बड़े पहाड़ों से हुआ। उस व्यक्ति के लिए पहाड़ों का सफर बहुत कठिन था और अचानक से उसकी मुलाकात एक बूढ़े जादूगर से हुई।
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जादूगर : बेटे कहां जा रहे हो।
भिकारी: जी मैं अपने सवालों का जवाब पता करने के लिए किसी ज्ञानी की तलाश में जा रहा हूं ।
जादूगर: चलो में तम्हें इन पहाड़ियों से पार करा देता हूँ ।
उस जादूगर ने उस व्यक्ति को अपनी जादुई छड़ी से पहाड़ियाँ पार करा दी ।
पहाड़ियां पार कराने के बाद जादूगर ने कहा कि क्या तुम मेरा यानी से एक सवाल का जवाब पता कर सकते हो।
भिकारी: अवश्य पता करूंगा ।
जादूगर : मुझे कई वर्ष हो गए और मैं स्वर्ग देखने का इच्छुक हूं ।अनुमान के मुताबिक मेरी उम्र पूरी हो चुकी है परंतु मुझे मृत्यु नहीं आ रही जब तक मुझे मृत्यु नहीं आएगी तब तक मैं स्वर्ग के दर्शन नहीं कर सकूंगा।
भिकारी: मैं आते वक्त आपके सवाल का जवाब जरूर लाऊंगा।
वह भिखारी सफर के लिए रवाना हो गया और चलते चलते उसका गुजर एक नदी से हुआ नदी काफी चौड़ी थी और उसे उस नदी को पार करना था। वह नदी के किनारे खड़ा हो गया तभी अचानक से एक बड़ा कछुआ नदी से निकलकर आया।
कछुआ: कहां जा रहे हो।
भिकारी: ज्ञानी से अपने सवालों का जवाब पता करने जा रहा हूं। क्या तुम मुझे नदी पार करा सकते हो।
कछुआ: कछुए ने उसे नदी पार करा दी। नदी पार कराने के बाद कछुआ कहने लगा कि क्या तुम मेरे एक सवाल का जवाब ज्ञानी से पता कर सकते हो।
भिकारी : बताओ मैं आपके सवाल का जवाब अवश्य पता करूंगा।
कछुआ : मैं 100 सालों से पानी छोड़ कर एक पक्षी बनना चाहता हूं। परंतु मैं पक्षी अभी तक नहीं बन पाया ।
भिखारी : मैं आते वक्त आपके सवाल का जवाब अवश्य लाऊंगा।
यह कह कर वह फिर से सफर के लिए रवाना हो गया और शाम तक वह ज्ञानी के पास पहुंच गया।
ज्ञानी : बताओ कैसे आना हुआ।
भिकारी: मुझे कुछ सवालों के जवाब पता करने हैं।
ज्ञानी: तुम सिर्फ तीन सवालों का जवाब पता कर सकते हो।
वह व्यक्ति यह सुनकर चकित हो गया और सोचने लगा कि मैं तो एक साधारण भिखारी हूं। परंतु वह लोग कई वर्षों से परेशान हैं। यदि उन्हें उनके सवालों का जवाब मिल गया तो उनकी परेशानियां दूर हो जाएंगी और यदि मुझे मेरे सवालों का जवाब नहीं मिला तो मैं तो एक सामान्य भिखारी हूं और मैं तो मांग कर भी अपना पेट भर सकता हूं।
भिखारी: भिखारी ने पहला सवाल उस व्यक्ति का किया जिसकी जवान लड़की बोल नहीं सकती थी।
ज्ञानी: जिस दिन वह लड़की अपने हमसफर को देखेगी तो वह बोलना शुरू कर देगी।
भिखारी: भिखारी ने दूसरा सवाल उस जादूगर का किया।
ज्ञानी : वह अपनी जादुई छड़ी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है जब वह अपनी जादुई छड़ी छोड़ देगा तो उसकी मृत्यु आ जाएगी।
भिखारी: भिकारी ने तीसरा सवाल उसके कछुए का किया जो कई वर्षों से पक्षी बनने की आस में था।
ज्ञानी : जिस दिन वह कछुआ अपना खोल उतार देगा उस दिन वह पक्षी बन जाएगा।
वह व्यक्ति तीनों सवालों का जवाब लेकर वापस चल दिया। जाते वक्त उसे कछुआ नदी के किनारे इंतजार करते हुए मिला। कछुए ने उस व्यक्ति की नदी पार कराई और अपने सवाल का जवाब पता किया।
उस व्यक्ति ने कछुए को उसके सवाल का जवाब दे दिया। कछुए ने मोतियों से भरा खोल छोड़कर उस व्यक्ति को दे दिया और पक्षी बन गया और उस व्यक्ति का शुक्रिया अदा किया।
मोतियों को लेकर वह व्यक्ति चल दिया और पहाड़ियों वाले रास्ते पर उसे वही जादूगर इंतजार करते हुए मिला । उस जादूगर ने अपने सवाल का जवाब पूंछा ।
भिकारी: जब तक तुम अपनी यह जादुई छड़ी नहीं छोड़ दोगे तब तक तुम स्वर्ग नहीं देख सकते।
उस जादूगर ने अपनी जादुई छड़ी उस व्यक्ति को दे दी और अचानक से वह गायब हो गया।
वह व्यक्ति जादुई छड़ी लेकर आगे बढ़ा और रास्ते में उस व्यक्ति को उसके सवाल का जवाब देने के लिए वह भिखारी उसके घर गया ।
उस व्यक्ति ने अपने सवाल का जवाब पूँछा ।
भिकारी : जब तक तुम्हारी लड़की अपने हमसफर को नहीं देख लेगी तब तक वह बोल नहीं पाएगी।
अचानक से लड़की घर के अंदर से आती है और अपने पिता से पूछती है कि यह व्यक्ति कौन है। उसका पिता अपनी लड़की को बोलते देखकर बहुत ज्यादा प्रश्न होता है। और उस व्यक्ति का विवाह अपनी लड़की के साथ करा देता है।
अंत: उस व्यक्ति को अपनी जरूरत की तमाम चीजें हासिल हो गई जो उसे चाहिए थी और उसका विवाह भी हो गया। क्योंकि उस व्यक्ति ने अपनी फिक्र ना कर कर उनका भला सोचा और ईश्वर ने उसे तमाम चीजें दे दी जो उसे जीवन में चाहिए थी ।
नैतिक : कर भला तो हो भला।
यानी जब आप किसी का भला करोगे तो उसमें आपका ही भला होगा।
1 Comments
Nice Story
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