दुनिया के अंदर कामयाबी हासिल करने से पहले कई कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है क्योंकि इस दुनिया का एक नियम है कि इसमें जो व्यक्ति जितनी ज्यादा कठिनाइयों से गुजरता है वह व्यक्ति उतनी ही बड़ी कामयाबी हासिल करता है।
लोग कहते हैं कि सूर्य जितना ज्यादा तपता है
उतना ही ज्यादा चमकता ।
दुनिया के अंदर जो व्यक्ति कठिनाइयों का सामना नहीं करता वह व्यक्ति इस दुनिया में कभी कामयाब नहीं होता। जिस व्यक्ति को दुनिया के अंदर कामयाबी चाहिए उस व्यक्ति के लिए कठिनाइयों से गुजरना अनिवार्य है।
दुनिया के अंदर बादशाह बनने से पहले
कठिनाइयों में तपना पड़ता है।
लेकिन कभी-कभी लोग कठिनाइयों में भगवान को बुरा भला कहने लगते हैं। लेकिन उन्हें नहीं पता कि जब तक एक पेड़ भारी बारिश और तूफानों का सामना नहीं करता तब तक वह भारी हवाओं में लहरना नहीं सीखता।
इसी तरह भगवान हर व्यक्ति को कामयाबी से पहले कठिनाइयों से निपटना सिखाता है।
एक व्यक्ति और भगवान
एक बार एक किसान व्यक्ति का अंत हो गया। अंत होने के बाद उसकी मुलाकात भगवान से हुई । उस व्यक्ति ने भगवान से सवाल किया कि भगवान आप दुनिया के अंदर व्यक्तियों के लिए मुसीबतें क्यों देते हो किसान को समय पर बारिश ही नहीं मिलती और लोगों की जरूरतें पूरी ही नहीं होती और अन्य परेशानियां कह दी।
कहने के बाद भगवान से कहने लगा कि भगवान आप बादशाहत मुझे संभालने दें । भगवान ने उससे कहा कि यह तुम्हारे बस की बात नहीं है ।मुझे पता है कि लोगों को क्या चाहिए और क्या नहीं।
परंतु उस व्यक्ति ने इतनी जिद करी कि भगवान को हां करने पर मजबूर कर दिया। अब बादशाहत उस व्यक्ति के हाथ में थी।
उस व्यक्ति किसान ने दुनिया को समय पर बारिश दी, जितनी फसल को धूप चाहिए थी इतनी धूप दी, जितनी ओश चाहिए थी उतनी ओश दी, जिसको जो चाहिए था वह चीज दी।
जब फसलें तैयार हो गई तो वह व्यक्ति भगवान से कहने लगा कि भगवान फसलों को देख जब तुम्हारे पास बादशाहत थी तो फसलें कितनी कमजोर थी,छोटी थी और अब देख फसलें कितनी लंबी है और मोटी है।
भगवान ने उस व्यक्ति से कहा कि अभी देखता जा।
जब फसलों का कटने का समय आया तो किसानों ने फसलों को काटना शुरू किया। फसलों को काटने के बाद देखा कि किसी भी फसल में एक दाना भी नहीं था। वह व्यक्ति हैरान हो गया और भगवान से कहने लगा कि भगवान मैंने तो हर चीज समय पर दी थी जितनी धूप चाहिए थी इतनी धूप प्रदान की,जितनी ओश चाहिए थी उतनी ओश प्रदान की ,जितनी हवा चाहिए थी उतनी हवाएं चलाई ,जितनी बारिशें चाहिए थी इतनी बारिश की ,इन सब के बावजूद भी फसल में एक दाना तक नहीं आया।
भगवान ने बड़ा खूबसूरत जवाब दिया और कहा कि तूने हर चीज समय पर प्रदान की थी । लेकिन फसलों ने कभी तेज हवाओं में लहरना और तेज बारिशों में खड़े रहना नहीं सीखा। जिन कठिनाइयों से फसलों को गुजारना था उन कठिनाइयों से फसल नहीं गुजर पाई इसलिए ही ये फसलें बिना दाने के पक गई।
इससे इस व्यक्ति को यह समझ आ गया कि दुनिया में कोई भी व्यक्ति बिना कठिनाइयों के सामना किए हुए कभी भी कामयाब नहीं हो सकता। जिस तरह एक फसल बिना भारी हवाओं और तेज बारिशों का सामना किए बिना फल पैदा नहीं कर सकती उसी तरह एक व्यक्ति बिना कठिनाइयों के सामने किए बिना कामयाब नहीं हो सकता।
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box.